सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक सभी देवताओं में महाबली हनुमान ऐसे देवता हैं, जो अपने उपासको को दुखों, कष्टों और जीवन की परेशानियों से छुटकारा दिलाते हैं। संकट से छुटकारा देने वाले हनुमान जी के कई रूप है। उन्हीं में एक है 'वज्र रूप'। जब संकटमोचन हनुमान जी इस रूप में होते है तो उन्हें 'बजरंगबली' कहा जाता है। महाबली हनुमान शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता है; इसलिए अपनी सभी अभिलाषाओं एवं कामनाओं को पूरा करने के लिए एवं हनुमान जी को खुश करने के लिए बजरंगबली के उपासक Shri Sunderkand in Hindi PDF के साथ-साथ बजरंग बाण का पाठ करते हैं। आप Bajrang Baan in Hindi PDF को नीचे दिये गये download बटन पर क्लिक कर download करें..
Bajrang Baan PDF | बजरंग बाण
मित्रों, जिस Bajrang Baan PDF in Hindi को आपने ऊपर डाउनलोड कर पढ़ा है उसका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। हनुमान जी अपने भक्तों को सभी तरह के भय और डर से दूर रखते हैं। यदि आप बजरंग बाण के साथ-साथ हनुमानाष्टक का भी पाठ करते है तो इससे भी अचूक लाभ प्राप्त होता है। आप यहां से हनुमानाष्टक का पाठ डाउनलोड कर सकते है -
Hanuman Ashtak की PDF। जीवन में कष्ट एवं समस्याएं बहुत प्रबल होती दिखे और प्रत्येक काम में आपको निराशा हाथ लगे तब विशेषकर सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शनिवार को बजरंग बाण का पाठ नियमित रूप से अवश्य करना चाहिए।
Bajrang Baan Lyrics in Hindi | बजरंग बाण अर्थ सहित
नीचे Bajrang Baan से जुड़े सभी खास एवं जरूरी बातों को बताया गया है। बजरंग बाण का पाठ सही तरीके से किस प्रकार करना चाहिए, बजरंग बाण के पाठ से आप किस प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और पाठ के दौरान आपको किन गलतियों को नहीं करना है आदि के विषय में विस्तार से जाने।
बजरंग बाण का पाठ कैसे करें? | Bajrang Baan Path PDF
बजरंग बाण को हनुमान जी की स्तुति कर उनका आशीष एवं शुभ वचन प्राप्त करने का सबसे सटीक उपाय माना जाता है। क्योंकि हनुमान जी पुरुषोत्तम भगवान राम के श्रेष्ठ भक्त हैं, इस कारण से बजरंग बाण में मुख्य रूप से पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान
राम की भी दुहाई दी गयी है। ऐसा माना जाता है कि जब भी कोई भक्त हनुमान जी को भगवान राम की दुहाई देता है, तो हनुमान जी उसकी रक्षा तथा सहायता के लिए निश्चित ही आगे आते है। ऊपर दिये गये Bajrang Baan में भगवान राम की दुहाई निम्न पंक्तियों में दिलाई गयी है-
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए सर्वप्रथम भगवान गणेश की स्तुति करें। इसके पश्चात भगवान रामचन्द्र एवं माता सीता का ध्यान करें। इसके बाद एकाग्र होकर बजरंगबली का ध्यान करते हुए उनसे अपनी अभिलाषा को बताये एवं अपनी इच्छाओं को पूरी करने का आग्रह करते हुए अपने मन में श्री बजरंग बाण के पाठ का संकल्प ले। पाठ समाप्त होने के बाद भगवान राम के भजनों का गायन करें।
Bajrang Baan Path के समय निम्नलिखित नियमों का पालन करेंः
- पाठ करने के लिए आप सूर्य उगने से पहले स्नान आदि कर ले, फिर बजरंगबली की मूर्ति स्थापित करें या फिर मूर्ति न हो तो हनुमान जी की फोटो भी रख सकते है।
- कुश से बनी छोटी चटाई का आसन के रूप में इस्तेमाल करे तथा पाठ शुरू करने से पहले संकल्प जरूर लें।
- फूल चढ़ाते हुए तथा धूप व दीप दिखाते हुए मन एकाग्र कर पूजा अर्चना करें।
- Bajrang Baan Path आपने जितनी बार करने का संकल्प लिया है, उतनी बार उसका पाठ रुद्राक्ष की माला से ही करें या फिर अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो बिना रुद्राक्ष की माला के गिनती का ध्यान रखते हुए जाप करें।
- पाठ करते समय इस बात का बिल्कुल ध्यान रखे की बजरंग बाण के शब्दों के उच्चारण में कोई गलती न हो। अशुद्ध उच्चारण से पाठ स्वीकार नहीं होता।
- पाठ या पूजा-अर्चना के दौरान आप प्रसाद के रूप में शुद्ध घी के लड्डू, चूरमा या अन्य मौसमी फलों का भोग लगा सकते हैं।
बजरंग बाण का पाठ कर आप निम्नलिखित समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं
- शादी-विवाह में आने वाली समस्याओं को खत्म करने के लिएः यदि आपकी शादी में कोई बाधा आ रही है या विवाह के बाद भी दांपत्य जीवन में कोई समस्या है, तो प्रचलित मान्यताओं के अनुसार रंग-बिरंगे फूल लगे कदली पेड़ के नीचे बैठकर बजरंग बाण का पाठ करने से आपके वैवाहिक जीवन में लाभ बहुत लाभ मिल सकता है। इस से आपको श्री हनुमान जी का कृपा प्रसाद प्राप्त तो होगा ही साथ ही आप जीवन भर खुशहाल भी रहेंगे।
- ग्रह-नक्षत्र के दोषों को दूर करने के लिए: अगर आपकी जन्म कुंडली में किसी तरह का ग्रह दोष है तो आपको हर दिन सूर्य उगने से पहले उठकर श्री बजरंग बाण का पाठ एकाग्र होकर करना चाहिए। पाठ करते समय मिट्टी के दिये की जगह आटे से बने दिये का प्रयोग करें। ऐसा करने से कुंडली में विद्यमान ग्रह-नक्षत्र के दोषों को खत्म करने में सफलता मिलती है।
- जानलेवा बीमारियों से निजात: अगर आपको या आपके किसी परिवार जन को किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी हैं जैसे कि कैंसर, हृदय रोग, गुर्दे में समस्या आदि, तो इससे छुटकारा पाने के लिए राहुकाल में बजरंगबली को 21 पान के पत्तों से बनी माला अर्पित करते हुए श्री बजरंग बाण का पाठ करें और इस बीच शुद्ध घी का दीपक जलाना बिल्कुल न भूलें।
- किसी भी कार्यक्षेत्र में कामयाबी के लिएः अगर आप अपने कार्यक्षेत्र में कई प्रकार की उलझनों या कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो फिर आपको विशेषकर हर मंगलवार को उपवास रखकर महाबली हनुमान जी की पूजा के पश्चात बजरंग बाण का पाठ एकाग्र होकर करना चाहिए। इस दिन भोग के रूप में बजरंगबली को एक नारियल चढ़ाएं और उस नारियल को लाल कपड़े में लपेट कर अपने घर के किसी ऐसे स्थान पर रख दे जहां आसानी से किसी कि नजर न पड़े।
- घर के वास्तुदोष को खत्म करने के लिएः अगर आपके घर में कई तरह के वास्तुदोष मौजूद है, तो आपको अपने जीवन में कई तरह के कष्टों एवं दुखों का सामना करना पड़ सकता है। वास्तुदोष से छुटकारा पाने के लिए आपको हर रोज 3 बार बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। पाठ के साथ ही आप घर में पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करके भी इस वास्तुदोष से जीवन भर के लिए मुक्त हो सकते हैं।
- मंगली योग को खत्म करने के लिएः अगर आपके या आपके किसी परिवारजन की कुंडली में मंगली योग है, तो हर मंगलवार को नियमित रूप से बजरंग बाण पाठ करने से इस दोष को शीघ्र दूर किया जा सकता है।
इन स्थितियों में बजरंग बाण का पाठ करने से बचे
श्री हनुमान जी को अच्छा फल देने वाला देवता माना जाता है। आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने के उद्देश्य से बजरंग बाण का पाठ तो अवश्य कर सकते हैं लेकिन फिर भी कुछ ऐसी भी स्थितियां होती हैं जब इसका पाठ बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- किसी दूसरे को नीचा या छोटा दिखाने की भावना के साथ इस पाठ को कभी न करें।
- किसी भी अनुचित काम को संपन्न करने या किसी विवाद को जीतने के लिए इस पाठ का सहारा न लें।
- प्रतिदिन के कार्यों में आने वाली छोटी-छोटी बाधाओं या समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बजरंग बाण का पाठ न करें।
- बिना प्रयत्न या कठिन परिश्रम के किसी कार्य को पूरा करने के उद्देश्य से इस पाठ को न करें।
- धन-संपत्ति, वैभव या किसी अन्य भौतिक साधन को प्राप्त करने के लिए बजरंग बाण के पाठ को न करें।
- किसी से बदला लेने के लिए या हानि पहुंचाने के प्रयोजन से इस पाठ को किसी भी अवस्था में ना करें।
हिन्दू धर्म के शास्त्रों में खास रूप से श्री बजरंग बाण को बहुत विलक्षणकारी तथा सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। परंतु इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि किसी भी बेमतलब व बेकार के काम लिए बजरंग बाण का पाठ करने से आपको फायदा मिल जाएगा। इसका पाठ विशेषकर मंगलवार और शनिवार के दिन एकाग्र होकर करना बहुत फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
बजरंग बाण पाठ के समय नहीं करें ये गलतियाँ
- यह पाठ सप्ताह के किसी भी दिन से प्रारम्भ नहीं करें बल्कि विशेष तौर से मंगलवार के दिन से ही पाठ करना शुरु करें।
- किसी विशेष मनोकामना को पूरा करने के उद्देश्य से अगर बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो लगभग 41 दिनों तक निरंतर इसका पाठ अवश्य करें।
- बजरंग बाण के पाठ के समय खासतौर से लाल रंग का ही वस्त्र पहने और ब्रह्मचर्य के नियमों पालन करें।
- जितने दिन भी पाठ करने का निश्चय करें, उस बीच किसी भी तरह के नशे या मांस-मछली का सेवन एकदम नहीं करें।
बजरंग बाण सिद्ध करने की विधि
बजरंग बाण का पाठ कर आप अपने कष्टों व समस्याओं से धीरे-धीरे छुटकारा तो पा सकते हैं लेकिन अगर इसके साथ ही पाठ को सिद्ध करने के तरीके को प्रयोग किया जाए तो इससे पाठ का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है तथा लाभ शीघ्र ही दिखने लगता है। इसके लिए नीचे दिए गए विधि का प्रयोग करेंः
सिद्ध करने की विधि: श्री बजरंग को सिद्ध करने के लिए मंगलवार के दिन आधीरात को सबसे पहले पूरब दिशा में लकड़ी की एक चैकी स्थापित कर उसके ऊपर लाल रंग का चौकोर कपड़ा फैला दें और एक सादे कागज पर ये मंत्र
“ऊं हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्” लिखकर उसे ठीक उसी तरह चैकी पर छोड़ दें।
इसके पश्चात लकड़ी की चौकी के दायी ओर शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित कर रख दें तथा कुश से बने आसन पर बैठकर एकाग्र हो श्री बजरंग बाण का लगभग 5 से 8 बार पाठ करें। इसके उपरांत जिस कागज पर आपने मंत्र लिखा है उसे चौकी पर से उठाकर अपने घर के मंदिर अच्छे से रख दें और प्रतिदिन उसकी पूजा-अर्चना करें। ऐसी मान्यता है कि इस प्रकार बजरंग बाण सिद्ध करने से आपकी मनोकामना बहुत जल्द पूरी होती है।
मित्रों, हम हिन्दुओं में ईश्वर की आराधना के लिये हजारों प्रकार के - पद्य (काव्य जैसे- स्तोत्र, मंत्र, चालीसा, पद, भजन आदि) उपलब्ध हैं। इनमें से Shri Bajrang Baan PDF का पद्य बहुत ही अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो चुका है।